इलाहाबाद यूनिवर्सिटी की साइंस फैकल्टी में पढ़ती थी तब मेरे हॉस्टल के दिनों की एक मज़ेदार और यादगार शाम आज भी ताजा है। उम्र तो अब 35 हो गई, मगर हॉस्टल लाइफ के वो पल, वो स…
और पढ़ेंसाइंस फैकल्टी इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में पढ़ते हुए hostel की ज़िन्दगी अपनी ही दुनिया थी। आज उम्र 35 पार कर गई, लेकिन हॉस्टल के उस छोटे से कमरे, प्लास्टिक की थाली और मिट्टी…
और पढ़ेंयह कहानी एक छोटे से गांव की है, जहाँ एक परिवार रहता था। उस परिवार में माँ, पिता, बहन और तीन बच्चे थे। परिवार के सबसे छोटे बेटे की उम्र सिर्फ सात साल थी। एक बार परिवार क…
और पढ़ेंसुमा हमेशा से ही अपने मोहल्ले में सबकी मदद के लिए तैयार रहने वाली थी। कभी-कभी मुझे लगता है, जैसे लोग तभी याद करते हैं जब उन्हें कोई जरुरत हो। मेरी पड़ोसी सीमा भी कुछ ऐ…
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