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बरसात की रिमझिम में बना प्यार: गुड़िया की आलू टिकिया और अमचूर की चटनी









बरसात का मौसम अपने पूरे शबाब पर था। बाहर तेज़ बारिश हो रही थी — गली में कीचड़, छत से टपकती बूँदें, और हर कहीं मिट्टी की सोंधी खुशबू। गुड़िया, 35 साल की टीचर, रोज़ की तरह ऑफिस नहीं गई थी। आज उसने सोचा, पति के लिए कुछ खास बनाती हूँ — आलू की टिकिया और अमचूर की चटनी, जो उसके पति का फेवरिट था।

चूल्हे पर लकड़ियाँ जल रही थीं, हाथ में परात, उबले आलू, बारीक हरी मिर्च, प्याज, धनिया डाले — सबकुछ वैसे ही जैसे उसकी माँ ने सिखाया था। बारिश की रिमझिम के बीच वह कॉलेज में स्टाफ रूम की बातें याद कर मुस्कुरा रही थी जहाँ उसकी बनाई रेसिपी की खूब तारीफ होती थी।

उधर पति, बरामदे में बैठकर मौसम का आनंद ले रहे थे पर आंखें बार-बार किचन की तरफ उठ जातीं। मोबाइल पर शेयर बाज़ार का ग्राफ देख रहे थे, पर मन स्वाद और खुशबू में ही अटका था। गुड़िया ने जब प्लेट में ताजा गरम टिकिया, ऊपर से अमचूर की तीखी, खट्टी चटनी डाली और पति के सामने रखी — दोनों की नजरें मिलीं। एक मुस्कान, जिसमें बरसात, प्यार और मेहनत सब मिल गया।

पति ने पहला निवाला लेते ही कहा, “यही असली Taste of Life है! आज छुट्टी का असली मज़ा आ गया।”

गुड़िया की मुस्कान और बारिश की रिमझिम — दोनों देर तक रुक-रुक कर घर को महकाती रहीं।


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