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एसजीपीटी (SGPT) बढ़ने के कारण, उपाय, और इलाज: भारतीय आहार और देसी नुस्खे

 


परिचय

एसजीपीटी (सीरम ग्लूटामिक-पाइरुविक ट्रांसएमिनेज़) या एएलटी (एलानिन ट्रांसएमिनेज़) एक एंजाइम है जो मुख्यतः यकृत में पाया जाता है। इसका स्तर बढ़ना यकृत की समस्याओं का संकेत हो सकता है। इस लेख में हम एसजीपीटी के बढ़ने के कारण, उपाय, देसी नुस्खे, सावधानियाँ, और भारतीय आहार के बारे में चर्चा करेंगे।

एसजीपीटी बढ़ने के कारण

एसजीपीटी के स्तर में वृद्धि के कुछ प्रमुख कारण निम्नलिखित हैं:

  1. हेपेटाइटिस: वायरस के संक्रमण के कारण यकृत में सूजन हो जाती है।
  2. मदिरापान: अत्यधिक शराब का सेवन यकृत को नुकसान पहुंचाता है।
  3. मोटापा: अतिरिक्त वसा यकृत में जम जाती है जिससे यकृत की कार्यप्रणाली प्रभावित होती है।
  4. मेडिकेशन: कुछ दवाओं का अत्यधिक सेवन यकृत को नुकसान पहुंचा सकता है।
  5. ऑटोइम्यून हेपेटाइटिस: यह एक अवस्था है जिसमें शरीर का प्रतिरक्षा तंत्र यकृत पर हमला करता है।
  6. यकृत कैंसर: यकृत के कैंसर से भी एसजीपीटी का स्तर बढ़ सकता है।

एसजीपीटी बढ़ने के उपाय और सावधानियाँ

  1. शराब का सेवन बंद करें: शराब यकृत को भारी नुकसान पहुंचा सकती है।
  2. स्वस्थ आहार लें: संतुलित और पोषक तत्वों से भरपूर आहार का सेवन करें।
  3. वजन नियंत्रित रखें: नियमित व्यायाम और स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं।
  4. दवाओं का सावधानी से उपयोग करें: डॉक्टर की सलाह पर ही दवाओं का सेवन करें।
  5. नियमित जांच कराएं: यकृत की समस्याओं का समय पर पता लगाने के लिए नियमित रूप से जांच कराएं।

देसी नुस्खे

  1. आंवला: आंवला यकृत की सफाई में मदद करता है। रोजाना आंवला का रस पीने से फायदा होता है।
  2. हल्दी: हल्दी में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो यकृत की सूजन को कम करते हैं। दूध में हल्दी मिलाकर पिएं।
  3. अदरक: अदरक का सेवन यकृत की कार्यप्रणाली को बेहतर बनाता है। अदरक की चाय या कच्चा अदरक खाना फायदेमंद होता है।
  4. तुलसी के पत्ते: तुलसी के पत्तों का सेवन यकृत को डिटॉक्सिफाई करता है। रोज सुबह तुलसी के पत्तों का रस पिएं।
  5. नींबू पानी: नींबू पानी यकृत की सफाई में मदद करता है। सुबह खाली पेट नींबू पानी पिएं।

कौन सा खाना चाहिए और क्या नहीं खाना

खाना चाहिए:

  1. होल ग्रेन्स: ओट्स, ब्राउन राइस, क्विनोआ
  2. फल और सब्जियां: पालक, ब्रोकली, गाजर, सेब, बेरीज़
  3. लीन प्रोटीन: मछली, चिकन, दालें
  4. अच्छे फैट: एवोकाडो, नट्स, बीज
  5. दही: प्रोबायोटिक गुणों से भरपूर

नहीं खाना चाहिए:

  1. फास्ट फूड: बर्गर, पिज्जा, तले हुए खाने
  2. मिठाई: चॉकलेट, केक, पेस्ट्री
  3. अत्यधिक नमक: पैकेज्ड फूड्स, स्नैक्स
  4. अत्यधिक तेल: फ्राईड फूड्स, स्नैक्स
  5. शराब और तंबाकू: पूरी तरह से परहेज करें

पांच भारतीय आहार और उनकी रेसिपी

1. पालक दाल

सामग्री:

  • 1 कप पालक
  • 1/2 कप तूर दाल
  • 1 टमाटर
  • 1 प्याज
  • 1 चम्मच हल्दी
  • नमक स्वादानुसार

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