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panjiri recipe पंजीरी बनाने की विधि: पौष्टिक और स्वादिष्ट

 


पंजीरी बनाने की विधि: पौष्टिक और स्वादिष्ट

पंजीरी एक पारंपरिक भारतीय मिठाई है, जो विशेष रूप से सर्दियों में बनाई जाती है। यह न केवल स्वादिष्ट होती है बल्कि सेहत के लिए भी बहुत फायदेमंद है। इसे बनाने में इस्तेमाल होने वाली सामग्री हमारे शरीर को गर्मी और ऊर्जा प्रदान करती है। आइए जानें इसे बनाने की सरल विधि।

सामग्री:

  • गेंहू का आटा: 1 कप
  • सूजी: 1/2 कप
  • देसी घी: 1/2 कप
  • बूरा या पिसी चीनी: 1 कप
  • मखाने: 1/2 कप (भुने और टुकड़ों में काटे हुए)
  • गोला (सूखा नारियल): 1/2 कप (कद्दूकस किया हुआ)
  • बादाम: 1/4 कप (कटे हुए)
  • काजू: 1/4 कप (कटे हुए)
  • किशमिश: 1/4 कप
  • इलायची पाउडर: 1 चम्मच

विधि:

  1. आटा और सूजी भूनना:

    • एक भारी तले वाली कढ़ाई में घी गरम करें।
    • गरम घी में गेंहू का आटा डालें और धीमी आंच पर भूनें।
    • आटे को लगातार चलाते रहें ताकि वह जले नहीं और सुनहरा भूरा हो जाए।
    • आटा भुनने के बाद उसमें सूजी डालें और इसे भी सुनहरा होने तक भूनें।
  2. मखाने और सूखे मेवे भूनना:

    • एक अलग पैन में थोड़ा सा घी गरम करें।
    • इसमें मखाने डालकर हल्का सा भूनें और निकालकर अलग रख लें।
    • इसी पैन में कटे हुए बादाम, काजू और गोला डालकर हल्का सा भूनें।
  3. सारी सामग्री मिलाना:

    • अब भुने हुए आटा और सूजी में मखाने, बादाम, काजू, और गोला मिलाएं।
    • अच्छी तरह से मिलाने के बाद, इसमें किशमिश और इलायची पाउडर डालें।
  4. बूरा या पिसी चीनी मिलाना:

    • मिश्रण को थोड़ा ठंडा होने दें, फिर इसमें बूरा या पिसी चीनी मिलाएं।
    • अच्छी तरह मिलाएं ताकि चीनी सभी सामग्री में समान रूप से मिल जाए।
  5. परोसना:

    • पंजीरी तैयार है। इसे एक साफ और सूखे कंटेनर में स्टोर करें।
    • यह एक महीने तक ताजा रह सकती है।

सुझाव:

  • आप अपनी पसंद के अनुसार पंजीरी में अन्य सूखे मेवे भी डाल सकते हैं।
  • पंजीरी को और अधिक पौष्टिक बनाने के लिए इसमें गोंद (एडिबल गम) भी डाल सकते हैं। गोंद को घी में भूनकर क्रिस्पी होने तक भूनें और फिर इसे कूटकर पंजीरी में मिलाएं।
  • अगर आप कम मीठा पसंद करते हैं, तो बूरा या पिसी चीनी की मात्रा कम कर सकते हैं।

पंजीरी सर्दियों में शरीर को गर्मी और ऊर्जा प्रदान करती है। इसे बच्चे, बड़ों और बुजुर्ग सभी के लिए बनाया जा सकता है। इसे बनाना आसान है और यह बहुत ही स्वादिष्ट होती है। इस रेसिपी को आज़माएं और अपने परिवार के साथ इस पौष्टिक मिठाई का आनंद लें।

पंजीरी एक प्राचीन भारतीय मिठाई है जो विभिन्न संस्कृति और धार्मिक परंपराओं में महत्वपूर्ण स्थान रखती है। यह न केवल एक मिठाई होती है, बल्कि इसका आध्यात्मिक महत्व भी है जो मानव जीवन के विभिन्न पहलुओं को छूने में सहायक होता है। इसके अध्यात्मिक महत्व को निम्नलिखित प्रकार से समझा जा सकता है:

1. पौष्टिकता का संदेश

पंजीरी में पाए जाने वाले सामग्रियां बहुत ही पौष्टिक होती हैं जैसे कि गेंहू का आटा, सूजी, घी, और सूखे मेवे। यह आहार मानव शरीर के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण होता है और इसे बनाने की विधि भी समझाती है कि आपको अपने शरीर को कैसे सम्मानित करना चाहिए। इस तरह की परंपराओं में आहार को धार्मिक और आध्यात्मिक माना जाता है, जो हमें समग्र विकास के लिए प्रेरित करता है।

2. समर्पण और अनुग्रह का प्रतीक

पंजीरी को बनाने की प्रक्रिया में ध्यान, समर्पण और संवेदनशीलता के तत्व शामिल होते हैं। इसमें सामग्री को ध्यान से चुनने और तैयार करने की विधि को भी महत्व दिया जाता है। इस प्रकार का समर्पण और संवेदनशीलता हमें उपासना और ध्यान की ओर प्रेरित करता है, जो आध्यात्मिक विकास में मदद कर सकता है।

3. संयम और सामर्थ्य की शिक्षा

पंजीरी को बनाने में सब्र और संयम की आवश्यकता होती है, क्योंकि इसमें समय और ध्यान से काम करने की आवश्यकता होती है। इस प्रकार की शिक्षा हमें अपने जीवन में संयम और सामर्थ्य बनाए रखने के लिए प्रेरित करती है, जो आध्यात्मिक अनुभव के लिए आवश्यक होते हैं।

4. सामूहिकता और संघटना का सिद्धांत

पंजीरी को बनाने की प्रक्रिया अक्सर परिवार के सदस्यों के संगठन और सामूहिक प्रयास का प्रतीक होती है। इस प्रकार की परंपरा और आधार अपने समुदाय के साथ मिलजुलकर काम करने के महत्व को समझाता है, जो आध्यात्मिक समृद्धि के लिए अत्यंत आवश्यक होता है।

इस तरह, पंजीरी न केवल एक मिठाई होती है बल्कि इसका आध्यात्मिक महत्व भी हमारे जीवन में गहराई और महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसे बनाने और सेवन करने से हमारे शारीरिक, मानसिक, और आध्यात्मिक स्वास्थ्य को लाभ मिलता है, जो हमें एक संतुलित और समृद्ध जीवन जीने में मदद करता है।

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