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पित्ती (Urticaria) एक आम त्वचा विकार है जिसमें त्वचा पर लाल, खुजलीदार दाने उभर आते हैं। इसे अक्सर 'हाइव्स' के नाम से भी जाना जाता है। यह समस्या कुछ घंटों से लेकर कई दिनों तक रह सकती है। पित्ती किसी भी उम्र में हो सकती है और इसके कई कारण हो सकते हैं।
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- एलर्जी: किसी खास खाद्य पदार्थ, दवा या पॉलन से एलर्जी होने पर पित्ती हो सकती है।
- संक्रामक रोग: वायरल, बैक्टीरियल या फंगल संक्रमण पित्ती का कारण बन सकते हैं।
- पर्यावरणीय कारक: धूप, ठंड, पसीना, या तनाव भी पित्ती को उभार सकते हैं।
- संपर्क डर्मेटाइटिस: किसी खास पदार्थ, जैसे कि रसायन, साबुन, या पौधों के संपर्क में आने से पित्ती हो सकती है।
- हार्मोनल परिवर्तन: विशेषकर महिलाओं में मासिक धर्म, गर्भावस्था या रजोनिवृत्ति के दौरान पित्ती हो सकती है।
- अनुवांशिकता: अगर परिवार में किसी को पित्ती की समस्या है तो अन्य सदस्यों में भी यह हो सकती है।
पित्ती के लक्षण
- लाल दाने: त्वचा पर उभरे हुए लाल या गुलाबी रंग के दाने।
- खुजली: प्रभावित स्थान पर तीव्र खुजली।
- सूजन: त्वचा पर हल्की सूजन।
- जलन: प्रभावित स्थान पर जलन का अनुभव।
पित्ती का इलाज
- एंटीहिस्टामाइन: ये दवाएं एलर्जी को रोकती हैं और खुजली और दाने कम करती हैं।
- स्टेरॉयड: गंभीर मामलों में स्टेरॉयड दवाएं दी जा सकती हैं।
- इम्यूनोमॉड्यूलेटर: इम्यून सिस्टम को नियंत्रित करने के लिए ये दवाएं दी जाती हैं।
- ठंडी सेकाई: ठंडे पानी की पट्टी से प्रभावित स्थान पर सेकाई करने से आराम मिलता है।
- हाइड्रोकोर्टिसोन क्रीम: खुजली और जलन कम करने के लिए इस क्रीम का उपयोग किया जा सकता है।
देसी नुस्खे
- नीम का पेस्ट: नीम की पत्तियों का पेस्ट बनाकर प्रभावित स्थान पर लगाने से लाभ होता है।
- हल्दी: हल्दी को दूध में मिलाकर पीने से और प्रभावित स्थान पर लगाने से आराम मिलता है।
- एलोवेरा जेल: एलोवेरा जेल को सीधे प्रभावित स्थान पर लगाने से सूजन और खुजली में आराम मिलता है।
- तुलसी के पत्ते: तुलसी के पत्तों का रस निकालकर पीने से या प्रभावित स्थान पर लगाने से राहत मिलती है।
- सौंफ और धनिया: सौंफ और धनिया को पानी में उबालकर पीने से एलर्जी के लक्षण कम होते हैं।
सावधानियां
- एलर्जी परीक्षण: किसी भी नए खाद्य पदार्थ या दवा का उपयोग करने से पहले एलर्जी परीक्षण कराएं।
- साफ-सफाई: त्वचा को साफ और सूखा रखें। साबुन का उपयोग सीमित करें।
- पानी का सेवन: पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं।
- आराम: तनाव और चिंता से बचें। पर्याप्त नींद लें।
- डॉक्टर से परामर्श: किसी भी प्रकार की दवा लेने से पहले डॉक्टर से परामर्श करें।
कौन सा खाना चाहिए
- हल्दी वाला दूध: प्रतिदिन एक गिलास हल्दी वाला दूध पीने से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है।
- तुलसी का पानी: सुबह-सुबह तुलसी के पत्तों का पानी पीने से लाभ होता है।
- छाछ: छाछ का सेवन करने से पाचन तंत्र में सुधार होता है।
- आंवला: आंवला का जूस पीने से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है।
- दही: प्रतिदिन एक कटोरी दही खाने से लाभ होता है।
क्या नहीं खाना
- मसालेदार भोजन: मसालेदार भोजन से एलर्जी की संभावना बढ़ सकती है।
- जंक फूड: फास्ट फूड और जंक फूड से परहेज करें।
- दूध और दूध उत्पाद: कई लोगों को दूध से एलर्जी होती है।
- स्ट्रॉबेरी: कुछ लोगों को स्ट्रॉबेरी से एलर्जी होती है।
- नट्स: कुछ नट्स से भी एलर्जी हो सकती है।
10 भारतीय आहार और उनकी रेसिपी
- खिचड़ी: चावल और मूंग दाल को एक साथ पकाकर बनाएं। इसमें हल्दी और नमक मिलाएं। यह सुपाच्य और पौष्टिक होता है।
- मूंग दाल सूप: मूंग दाल को उबालकर, नमक, हल्दी और जीरा तड़का लगाकर सूप बनाएं।
- पोहा: पोहा को भिगोकर, हल्दी, नमक, और मूंगफली मिलाकर बनाएं। इसे सब्जियों के साथ भी बना सकते हैं।
- दही चावल: पके हुए चावल में दही मिलाकर, हल्का नमक और हरा धनिया डालकर बनाएं।
- उपमा: रवा (सूजी) को भूनकर, सब्जियों के साथ पकाकर बनाएं।
- दलिया: गेहूं का दलिया उबालकर, नमक और सब्जियों के साथ बनाएं।
- पालक पनीर: पालक और पनीर को मिलाकर सब्जी बनाएं। इसमें हल्दी और नमक मिलाएं।
- गाजर का हलवा: गाजर को कद्दूकस करके, दूध और चीनी में पकाकर हलवा बनाएं।
- छाछ: दही को पानी में मिलाकर, हल्का नमक और भुना जीरा डालकर छाछ बनाएं।
- आंवला मुरब्बा: आंवला को चीनी में पकाकर मुरब्बा बनाएं।
निष्कर्ष
पित्ती उछलना एक आम समस्या है जिसे सही देखभाल और आहार से नियंत्रित किया जा सकता है। उपरोक्त देसी नुस्खे और सावधानियों का पालन करके इस समस्या से राहत पाई जा सकती है।
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