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टीएलसी (टोटल ल्यूकोसाइट काउंट) कम होने के कारण और उपाय
परिचय
टीएलसी या टोटल ल्यूकोसाइट काउंट, सफेद रक्त कोशिकाओं की मात्रा को दर्शाता है जो शरीर में संक्रमण और बीमारियों से लड़ने में मदद करते हैं। जब टीएलसी कम हो जाता है, तो यह संकेत देता है कि शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर हो गई है, जिससे व्यक्ति संक्रमण और अन्य बीमारियों के प्रति अधिक संवेदनशील हो सकता है। इस लेख में हम टीएलसी कम होने के कारणों, लक्षणों, और उपायों पर विस्तार से चर्चा करेंगे।
टीएलसी कम होने के कारण
- संक्रमण: गंभीर बैक्टीरियल या वायरल संक्रमण।
- ऑटोइम्यून बीमारियां: जैसे ल्यूपस, रुमेटाइड आर्थराइटिस।
- हड्डी का कैंसर: ल्यूकेमिया, लिम्फोमा।
- कीमोथेरेपी और रेडिएशन थेरेपी: कैंसर के इलाज के दौरान।
- अविटामिनोसिस: विटामिन बी12 और फोलिक एसिड की कमी।
- दवाओं का असर: कुछ दवाओं का सेवन जो हड्डी के मस्तिष्क को प्रभावित करती हैं।
- बैक्टीरियल संक्रमण: टाइफॉइड, मलेरिया।
टीएलसी कम होने के लक्षण
- थकान: अत्यधिक थकान और कमजोरी।
- बार-बार संक्रमण: बार-बार सर्दी, खांसी, बुखार।
- घाव भरने में देरी: घाव जल्दी ठीक नहीं होते।
- रक्तस्राव: मसूड़ों और नाक से रक्तस्राव।
- त्वचा पर चकत्ते: त्वचा पर लाल चकत्ते या पित्ती।
टीएलसी बढ़ाने के उपाय
चिकित्सा उपचार
- दवाएं: डॉक्टर द्वारा सुझाए गए दवाओं का सेवन।
- विटामिन और मिनरल सप्लिमेंट्स: विटामिन बी12, फोलिक एसिड।
- इम्यूनोथेरेपी: प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ावा देने वाली थेरेपी।
देसी नुस्खे
- तुलसी का रस: तुलसी की पत्तियों का रस दिन में दो बार लें।
- गिलोय: गिलोय का काढ़ा बनाकर सेवन करें।
- एलोवेरा: एलोवेरा का जूस रोजाना पिएं।
- अदरक और हल्दी: अदरक और हल्दी का सेवन करें।
- नींबू पानी: नींबू पानी में शहद मिलाकर पिएं।
सावधानियां
- स्वच्छता: हाथों की सही सफाई करें।
- भीड़-भाड़ वाले स्थानों से बचें: संक्रमण से बचने के लिए।
- स्वस्थ आहार लें: पौष्टिक आहार का सेवन करें।
- पूरा आराम करें: पर्याप्त नींद लें।
- संक्रमित लोगों से दूरी बनाएं: किसी भी प्रकार के संक्रमण से बचने के लिए।
कौन सा खाना चाहिए
- हरी सब्जियां: पालक, ब्रोकोली, मेथी।
- फल: पपीता, संतरा, सेब, केला।
- प्रोटीन युक्त आहार: दाल, मूंग, राजमा।
- सूखे मेवे: बादाम, अखरोट, किशमिश।
- दूध और डेयरी उत्पाद: दही, छाछ, पनीर।
- अंकुरित अनाज: मूंग, चना, अल्फाल्फा।
- ताजे जूस: संतरे का रस, अनार का रस।
- सूप: चिकन सूप, वेजिटेबल सूप।
- मसाले: हल्दी, अदरक, लहसुन।
- अन्य आहार: जई, ब्राउन राइस, क्विनोआ।
क्या नहीं खाना चाहिए
- जंक फूड: बर्गर, पिज्जा।
- तली-भुनी चीजें: पकोड़े, समोसे।
- शक्करयुक्त पेय: सॉफ्ट ड्रिंक्स।
- प्रसंस्कृत आहार: चिप्स, बिस्किट।
- अत्यधिक मिर्च मसाले: तीखे और मसालेदार भोजन।
- अल्कोहल: शराब और बियर।
- तंबाकू: धूम्रपान और तंबाकू उत्पाद।
भारतीय आहार और उनकी रेसिपीज़
पालक दाल
- सामग्री: पालक, मूंग दाल, लहसुन, अदरक, हल्दी, नमक।
- विधि: पालक और मूंग दाल को अच्छे से धोकर पकाएं। इसमें लहसुन, अदरक, हल्दी और नमक डालें और अच्छे से मिलाएं।
मूंग का हलवा
- सामग्री: मूंग दाल, घी, चीनी, दूध, बादाम, काजू।
- विधि: मूंग दाल को भूनकर दूध में पकाएं। चीनी और घी मिलाकर अच्छे से पकाएं। बादाम और काजू डालें।
तुलसी चाय
- सामग्री: तुलसी पत्तियां, पानी, शहद।
- विधि: तुलसी की पत्तियों को पानी में उबालें। शहद मिलाकर पिएं।
गिलोय काढ़ा
- सामग्री: गिलोय स्टेम, पानी, अदरक, तुलसी पत्तियां।
- विधि: गिलोय स्टेम, अदरक और तुलसी को पानी में उबालें। छानकर पिएं।
एलोवेरा जूस
- सामग्री: एलोवेरा जेल, पानी, नींबू।
- विधि: एलोवेरा जेल को पानी में मिलाएं। नींबू का रस डालें और पिएं।
अदरक-हल्दी दूध
- सामग्री: दूध, अदरक, हल्दी, शहद।
- विधि: दूध में अदरक और हल्दी मिलाएं। शहद डालकर पिएं।
नींबू पानी
- सामग्री: नींबू, पानी, शहद।
- विधि: पानी में नींबू का रस और शहद मिलाएं। ठंडा या गर्म पिएं।
चिकन सूप
- सामग्री: चिकन, पानी, लहसुन, अदरक, नमक, हरी सब्जियां।
- विधि: चिकन और सब्जियों को पानी में उबालें। लहसुन, अदरक और नमक मिलाएं।
पनीर भुर्जी
- सामग्री: पनीर, टमाटर, प्याज, हरी मिर्च, हल्दी, नमक।
- विधि: पनीर को क्रम्बल करें। टमाटर, प्याज, हरी मिर्च, हल्दी और नमक के साथ भूनें।
संतरे का रस
- सामग्री: ताजे संतरे, पानी।
- विधि: संतरे को निचोड़कर रस निकालें। थोड़ा पानी मिलाकर पिएं।
निष्कर्ष
टीएलसी का कम होना स्वास्थ्य के लिए गंभीर समस्या हो सकती है। इसलिए, इसका इलाज समय पर और सही तरीके से करना आवश्यक है। स्वच्छता, पौष्टिक आहार, और देसी नुस्खों का पालन करके टीएलसी को बढ़ाया जा सकता है। ऊपर दिए गए भारतीय आहार और उनकी रेसिपीज़ टीएलसी बढ़ाने में मददगार साबित हो सकती हैं।
इस जानकारी का उपयोग करके आप अपनी प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत कर सकते हैं और स्वस्थ जीवन जी सकते हैं।
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